इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) से पहले पटना (Patna) में पोस्टर वार के जरिए विरोधियों पर निशाना साधने का सियासी खेल जारी है. आए दिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और सत्ताधारी जेडीयू (JDU) पोस्टरों के जरिए एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं. ताजा पोस्टर वार में लालू यादव के जिन्न का हवाला देकर जेडीयू समर्थकों ने निशाना साध रहे हैं. राजधानी पटना में कई जगह पोस्टर लगाये गये हैं जिसमें लालू यादव और जिन्न की तस्वीर दिखाई गई है.
तस्वीर में जिन्न लालू यादव से बोल रहा है कि अब दोबारा जिन्न लालू यादव के झांसे में नहीं आने वाला है. वहीं इसी पोस्टर में दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास की तस्वीर दिखाई गई है जिसमें विकास के साथ लालू यादव, राज वल्लभ यादव और शहाबुद्दीन जेल की दीवारों के पीछे दिखाए गए हैं. दरअसल इस पोस्टर में जिन्न को दिखा कर लालू यादव पर हमला बोला गया है.
15 वर्षों तक लालू के कब्जे में था जिन्न
बता दें कि लालू यादव वर्ष 1990 से 2005 तक एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण के साथ-साथ अपने खास वोट बैंक यानी जिन्न की चर्चा करते थे. जिन्न यानी वो वोटर जो खुलकर लालू यादव का समर्थन नहीं करते थे लेकिन जब मतदान होता था तो वही जिन्न लालू के पक्ष में मजबूती से खड़ा होकर उन्हें विरोधियों से आगे कर देता था. दरअसल ये जिन्न होता था दलित और अतिपिछड़ा वोटर और इसी जिन्न को दोबारा लालू यादव की पार्टी आरजेडी अपने पाले में करने की कोशिशों में जुटी हुई है.
इस जिन्न को फिलहाल जेडीयू और बीजेपी ने अपने पाले में कर रखा है लेकिन आरजेडी की इस कवायद से जेडीयू सावधान हो गया है. आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि विरोधी चाहे कुछ भी कर लें पोस्टर लगा लें, प्रचार कर लें लेकिन लालू यादव का जिन्न फिर से वापस लौट रहा है.
जेडीयू का दावाजेडीयू नेता और मंत्री नीरज कुमार कहते हैं कि जिस तबके को लालू यादव जिन्न कहा करते थे उस जिन्न को लंबे समय तक लालू यादव ने ठगा है और अब ये जिन्न दोबारा लालू के झांसे में नहीं आने वाला है. लेकिन खबर है की लालू यादव जिन्न को वापस अपनी पार्टी की तरफ लाने के लिए जिन्न (दलितों और अतिपिछड़ों) को पार्टी में काफी तवज्जो देने जा रहे हैं, इसी वजह से जिन्न को लेकर आरजेडी और एनडीए आमने-सामने हैं और पोस्टर के जरिए एक-दूसरे पर हमला बोला जा रहा है.